टीचर: बताओ 2+2 कितना हुआ?संता: 9.50टीचर: इतना तो पूरी दुनिया में कहीं नहीं हो सकता| तुम बताओ कैसे हुआ?संता: 2+2=4 जोड़ो तो फिर वैट +सर्विस टैक्स + उच्च शिक्षा टैक्स + स्वच्छ भारत टैक्स + कृषि कल्याण टैक्स, इतना सब जोड़कर 9.50 हो जायेगा मैडम|मेरा देश बदल रहा है ... महंगा हो रहा है..
आहिस्ता आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
सब कुछ झूठ है
लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है
कुछ अरमान उन बारीश कि बुंद कि तरह होते है,
जिनको छुने कि ख्वाहिश में,हथेलिया तो गिली हो जाती ,
पर हाथ हमेशा खाली रेह जाते है….