मुझे मत ढूँढों इस जहां की तन्हाई में…
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अरे !!!
ठंड बहोत है…
मैं तो हूँ अपनी रजाई में..
रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर…
उसके बाद किसी ने चाय
नही पिलायी
तो “असहिष्णुता माना” जाये…
मार्टिन लूथर ने कहा था…“अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !पर आगे बढ़ते रहो !”एक बिहारी (खैनी ठोकते हुए):ऊ.. सब त ठीक बा.. लूथर भाई…लेकिन.. मरदे.. ई बताबा कि ..जाए के कहाँ बा…
लड़की(रोते हुए) – मैं तो बरबाद हो गई
लड़का – अरे जानेमन हुआ क्या ?
लड़की – मेरे पापा ने मेरी शादी तय कर दी
लड़का – धत तेरे की,, अब हम क्या करेंगे
लड़की – तुम कुछ करो ना ?
लड़का –ठीक है मैं आज ही अपने लिए नई लड़की ढूंढ़ता हूँ
फिर दे लात दे घूंसा
कानपुरिया धमाका
टीचर (लड़के से) : “काहे बे… कल स्कूल काहे नहीं आए…..??”
लड़का : “काहे… कल जौ आये रहें… उनका कलेक्टर बना दिए हो का…??”