Kabhi Use Bhulana Chaha,
Kabhi Use Manana Chaha,
Maine Jab Bhi Chaha Sirf Use Chaha,
Na Jane Kya Bat Thi Mere Aasuo Mein..
Jo Usne Muje Sirf Aur Sirf Rulana Chaha!
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो।
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा ,मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे ,मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा|
पहले भी रहा,और ये कुछ तुझ्से मिला हैसरमाया-ए-ग़म तेरी मुहब्बत का सिला हैहो दिल जो परेशाँ, यहाँ होता है तमाशामिल जाए अगर चैन तो काहे का गिला है
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।