मारवाडी को फांसी की सजा सुनाई गयी ..जज ने पूछा- कोई आखिरी ख्वाहिश?मारवाडी – म्हारी जगह थे लटक जाओ!!
नहीं चाहिए वो सब जो मेरी किस्मत में नहीं,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं ।
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते !
जो ज़मीं के नहीं होते वो कहीं के नहीं होते !
सुप्रभात ॥
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है