किसी से उम्मीद किये बिना उसका अच्छा करो, क्योकि किसी ने कहा है कि जो लोग फूल बेचते है उनके हाथ में खुशबू अक्सर रह जाती है|सुप्रभात
तुझे चाहता रहा मै इस कदर,
के दुनिया व् भुला बैठा,
तेरी एक हसी के बदले,
अपनी ज़िन्दगी भुला बैठा
यूं तो तेरी महफिल में हमे चाहने वालो की कमी नहीं,पर हम तुझे चाहने में कोई खता करें ये भी तो हमें गवारा नही।
लोगों ने कुछ दिया
तो सुनाया भी बहुत है,
हे माँ दुर्गे !
एक तेरा ही दर है
जहाँ मुझे कभी ताना नहीं मिला
बिना पासवर्ड लगा हुआ Wi-Fi मिल जाना भी पिछले जन्म के किसी पुण्य का ही परिणाम होता है।