नन्द के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की|शुभ जन्माष्टमी
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..!!
इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं