मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं मेरे चाँद सा हसीनचाँद ने कहा - " हाँ बहुत बहुत लोगो के साथ"
इंसानी जिस्म में सैंकड़ों हैवान देखे हैं,
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|”
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम.
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से