ना ठुकरा मेरी दोस्ती मुझे गरीब समज कर ए दोस्त,
यह दौलत वाले खरीदार तो होते है,
लेकिन वफादार नही
वो पड़ोसन भी आतंकवादी से कम नहीं होती...
जो नई साड़ी ख़रीद कर सीधे आप की बीबी को दिखाने आती है....
काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!