मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
अगर कभी थक जाओ तो हमसे कहना,
हम उठा लेंगे तुमको अपनी इन बाहों में,
आप एक बार प्यार करके तो देखो हमसे,
हम सारी खुशियां बिछा देंगे आपकी राहों में.
पत्नी :- डार्लिंग सुनते हो मेरी उम्र 48
होते हुए भी आपका एक दोस्त मेरे
"हुस्न की तारीफ" करता है..
पति :- उस्मान भाई होगा..
पत्नी :- आपने कैसे पहचाना...?
पति :- वो साला कबाड़ का व्यापारी हैं..!
😂😂😂😂😂