Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था ।
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!!
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़,जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!