हँसते चेहरे को देख कर यह मत सोचना की उनको गम नहीं बल्कि यह सोचना कि उनमे सहन करने की ताकत ज्यादा है|
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए,ना देगी दुप्पटा कफ़न के लिए,मरना है तो मारो वतन के लिए,तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए.
एक दिन सागर ने नदी से पुछा- कब तक मिलती रहोगी मुझ खारे पानी से।
नदी ने हस कर कहा – जब तक तुझमे मिठास न आ जाये।
मेरी दोनों कोशिशें कभी कामयाब ना हो सकी . .
पहला तुझे पाने की फिर तुझे भूल जाने की…