सहस शील हृदय में भर देजीवन त्याग से भर दे,संयम सत्य स्नेह का वर देमाँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे!
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!