वफा क्या होती है?
काश तुम जान जाती ...
ना हम, ना तुम अकेली होती ।
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया,
पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।
मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था।कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था।तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको।क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था।
तो क्या हुआ जो आप नहीं मिलते हमसे.,मिला तो रब भी नहीं हमसे,पर इबादत कहां रुकी हमसे..
एहसान करो तो दुआओ में मेरी मौत मांगना
अब जी भर गया है जिंदगी से !
एक छोटे से सवाल पर
इतनी ख़ामोशी क्यों ….?
बस इतना ही तो पूछा था-
“कभी वफ़ा की किसी से…