कभी हाथों में उसका हाथ था,
जिंदगी में उसका प्यारा सा साथ था।
आज बदल गए हैं दिन और बिखरे जज़्बात हैं,
वो भी वक्त की बात थी ये भी वक्त की बात है।
अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो।
वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए।
बुरे वक्त में ही सबके असली रंग दिखते हैं,
दिन के उजाले में तो पानी भी चांदी लगता है।।
वक्त ने बदल दी, तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा,
पहले दोस्ती, फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास।।
जिन नोटों की खातिर कुछ लोग बदल गये,आज वक्त इतना बदल गया की वो नोट ही बदल गये।।