कभी हाथों में उसका हाथ था,
जिंदगी में उसका प्यारा सा साथ था।
आज बदल गए हैं दिन और बिखरे जज़्बात हैं,
वो भी वक्त की बात थी ये भी वक्त की बात है।
उस वक्त इंतजार का आलम ना पूछिए,
जब कोई बार बार कहे आ रहा हूं में।।
किसी के बुरे वक्त पर हंसने की गलती मत करना,
ये वक्त है जनाब चेहरे याद रखता है।।
अभी तो थोड़ा वक्त है उनको आजमाने दो,
रो रोकर पुकारेंगे हमे हमारा वक्त आने दो।।
हर रोता हुआ लम्हा मुस्कुराएगा,
तु सब्रा रख अपना भी वक्त आयेगा।।
रोना तो खूब चाहता था,पर ज़िम्मेदारीयों ने इतना वक्त भी ना दिया मुझे।।