चूम लूं तेरे होठों को ये दिल,
की ख्वाहिश है बात ये मेरी नही,
ये दिल की फरमाइश है !
जी तो चाहता है कि तुझे दिल में छुपा लूँ मैं,
मगर न कभी वक्त ने इजाजत दी ना तुमने !
मेरे दिल की धड़कनो को,
तूने दिल बर धड़कना सीखा दिया,
जब से मिली है मोहब्बत तेरी मेरे दिल को,
गम में भी हंसना सीखा दिया !
Kyaa sunaye kisko haal e dil jab
bhi likhte h jakhme dil taaza ho jate h
इक यही झिझक है हाल-ए-दिल सुनाने में, ज़िक्र तेरा भी आएगा मेरे इस फसाने में!
हाल-ए-दिल भी अब क्या बयान करनाअपना तो कोई यहाँ रहा ही नहीं