उन्हें खो देने का डर
दिल को बेचैन कर जाता है
वो हैं ही नहीं अपने
नादान दिल क्यूँ भूल जाता है!
"इंसान को जीवन का असली रंग सिर्फ दर्द में ही समझ आता है।"
उलझे हैं खयालों में
डर सा लगने लगा है खुद से..
है नहीं जो आसपास
उसे पैदा कर रहे हैं मन से..
तुझे कही खो ना दू,
इस बात का डर है.
क्यूंकि तू मेरे प्यार से,
अभी बेखबर है ..!!!
इंसान का दिमाग आसानी से डर जाता,
कोई भी हो Negative Thought
जल्दी से घर कर जाता .
डर का उन पर जोर है,
जिनके Negativity चारो ओर है.
कोई भी डर से पार पा सकता ,
अगर मन में अच्छे ख्याल ला सकता.