तू हमेशा कहती थी ना के ख्याल नही रखता अपना,
देख आज तू ही मुझे इस बेखयाली में डाल गई.
दिल का दर्द किसे दिखाएं,
मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं।
रिश्ता चाहे छोटा हो या बड़ा,
उसे टूटने में बस एक पल ही लगता है !
सिर्फ खुद पर ही विश्वाश रखता हूँ अब,
क्योंकि दर्द सहने की आदत नहीं मुझे अब !
भर आई मेरी आंखें जब उसका नाम आया,
इश्क नाकाम सही पर बहुत काम आया,
हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुजारी रातें,
जब तक आसूं ना बहे दिल को ना आराम आया।
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन,
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नही जाते..
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी,
किसी रात खामोशी से मर क्यों नही जाते..!