इक ऐसा दौर भी देखा है मैंनेकि जब खुशियाँ मुझे भी ढूँढती थीं |
Pyar Bhari shayari
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊँ,
तेरी साँसो से मिलकर तेरी खुश्बू बन जाऊँ,
फासले ना रहें कोई तेरे मेरे दरमिआँ,
मैं...मैं ना रहूँ बस तू ही तू बन जाऊँ।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
दिल की धड़कन और मेरी सदा है तू,
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू,
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर,
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू।