एक बार दो दोस्त एक सेठ के पास काम मांगने जाते हैं. कंजूस सेठ उन्हें फ़ौरन काम पर रख लेता है और पूरे साल काम करने पर साल के अंत में दोनों को 15 -15 स्वर्ण मुद्राएं देने का वचन देता है. साथ ही सेठ यह भी शर्त रखता है कि अगर उन्होंने काम ठीक से नहीं किया या किसी आदेश का पालन ठीक से नहीं किया, तो उस एक गलती के बदले 5 सुवर्ण मुद्राएं वो उनकी तनख्वाह से काट लेगा.