केवट का रोल करने आये अरविंद त्रिवेदी बन गए रावण, अमरीश पूरी से छीन लिया था ये ऐतिहासिक रोल

Arvind Trivedi Was Appeared For Kewat Role,  Amrishpuri Was 1st Choice For Raavan Rale

रामानंद सागर की 'रामायण' ने लोगों के दिलों में अपनी अमित छाप छोड़ी है. इस शो की लोकप्रियता इतनी ज्यादा हो गई थी कि घर-घर इसके किरदारों की पूजा होने लगी थी. कहा तो यहां तक जाता हैं कि जब 1987 में रामायण पहली बार प्रसारित हुआ, तो उसे देखने के लिए लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी.

कई राज्यों और जगहों पर तो ऐसा लगता था की कर्फ्यू लग गया हैं. रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को तो लोग सच में राम समझकर उनके कदमों में गिर जाते थे. घर-घर उन्हें राम मानकर पूजा जाता था. तो वहीं दीपिका चिखलिया को माँ सीता का दर्जा दिया जाता था. इस शो से अरुण और दीपिका को जो प्रसिद्धि मिली वो आज तक किसी को नहीं मिला. लेकिन इस शो में रावण का किरदार निभाने वाले दिवंगत अभिनेता अरविंद त्रिवेदी को भी काफी लोकप्रियता मिली. उन्होंने रावण के आइकोनिक रोल को हमेशा के लिए इतिहास में अमर बना दिया. जब-जब रामायण की बात होगी. तब-तब रावण के रूप में अरविंद त्रिवेदी को ही याद रखा जायेगा. लेकिब बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि अरविंद रामायण में सिर्फ केवट का रोल करने आये थे. मगर उन्हें रावण का सबसे इम्पोर्टेन्ट रोल दे दिया गया. तो आइये जानते हैं इसके पीछे का दिलचस्प किस्सा 

raavan in ramanad saagar

अमरीश पुरी बनने वाले थे रावण 

आपको जानकर बहुत ही हैरानी होगी कि रामानंद सागर की रामायण में मशहूर दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी को रावण का रोल ऑफर किया जाना था. रामायण के अन्य कलाकर जैसे अरुण गोविल, दीपिका समेत कई सारे लगों को अमरीश पुरी का ही नाम सही लगा. लेकिन जैसे ही अरविंद त्रिवेदी को पता चला कि रामानंद सागर रामायण का निर्माण कर रहे हैं. वो गुजरात से ऑडिशन देने चले आयी थे. 

ramayan raavan role by arvind trivedi

केवट का रोल करना चाहते थे अरविंद 

ये किस्सा भी काफी अहम है कि अरविंद त्रिवेदी रामायण में केवट के रोल की लिए आये थे. उन्हें स्क्रिप्ट दी गई और उन्होंने संवाद पढ़ना शुरू किया. तो सभी लोग वहां पर हैरान होकर उन्हें ही देखने लगे. इसके बाद जब वो स्क्रिप्ट रखकर जाने लगे, तभी रामानंद सागर ने कहा, ''हमें अपना लंकेश मिल गया.'' अरविंद त्रिवेदी खुद इस वाकये से हैरान हो गए. तब रामानंद सागर ने उन्हें बताया कि तुम्हारी आवाज और भाव-भंगिमा एकदम वैसी ही हैं. जैसी मैं रावण के किरदार के लिए ढूढ़ रहा था. इस प्रकार से अरविंद त्रिवेदी को मिला लंकेश का किरदार. जिसे अरविंद ने अपनी दमदार एक्टिंग से अमर कर दिया. 

arvind trivedi raavan shiv bhakt

लोग सच में समझते थे अरविंद को लंकेश 

रामायण का ये किस्सा ये भी मशहूर हैं कि लोगों के बीच में अरविंद इतने मशहूर हो गए थे कि लोग उन्हें सच में रावण समझने लगे थे. उन्हें काफी लोग लंकेश कहकर ही सम्बोधित करते थे. यहां तक कि जब रामायण में रावण का वध हुआ, तो अमित त्रिवेदी के गांव में लोगों ने एक हफ्ते तक शोक मनाया था. 

raavan hum lankesh hain

''हम लंकेश हैं'' अरविंद त्रिवेदी का ये डायलॉग बच्चों-बच्चों की जुबान पर था 

अरविंद त्रिवेदी जब रावण के गेटउप में तैयार होकर सेट पर पहुँचते थे. तो लोगों को लगता था कि सच में रावण आ गया हैं. इसके अलावा उनकी भारी-भरकम आवाज और दमदार अभिनय से लोगों को ये लगता ही नहीं था कि वो रावण नहीं हैं. अरविंद त्रिवेदी का रावण की भूमिका में सबसे ज्यादा फेमस संवाद '' हम लंकेश हैं'' हुआ था. ये इतना पॉपुलर हुआ था कि बच्चे-बच्चे इसको आपस में दोहराते थे.