वास्तु टिप्स: वास्तु के हिसाब से किस दिशा में करना चाहिए भोजन? जानिए इसके लाभ

Vastu tips for Eating Position and its Benefits

बचपन से आप देखते और सुनते आये है कि खाना इस तरफ मुंह करके खाओ. ऐसे नहीं ऐसे खाओ, खड़े होकर नहीं खाओ आदि तमाम प्रकार की बातें आपने बचपन में सीखी होंगी. 

लेकिन क्या आप जानते है कि ये बातें आपको शुरू से ही क्यों सिखाया जाता है? असल में इसका सही जवाब वास्तुशास्त्र में दिया है. वास्तु में हर एक काम को करने से पहले कुछ जरुरी बातों के बारे में बताया जाता है. जिसमें से कुछ नियम भोजन संबंधित भी है. आज हम आपको बताएंगे की दिशा में मुंह करके भोजन करना चाहिए और इसका क्या लाभ है. तो आइये जानते है इसके बारे में...... 


पूर्व दिशा में खाने से होता लाभ 

वास्तु के हिसाब से खाने के पूर्व दिशा को काफी ज्यादा सुबह माना जाता है. पूर्व दिशा में मुंह करके भोजन करने से आप मानसिक तनाव से दूर रहते है. साथ ही खाना जल्दी पच जाता है. जिससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहता है. जो बुर्जुग है या बीमार रहते है उन्हें खास करके इसी दिशा में भोजन करने से सारी तकलीफें दूर हो जाती है. 

उत्तर दिशा में ये लोग करें भोजन 

वास्तु के अनुसार जो लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे है. पढ़ाई और करियर के क्षेत्र में अग्रसर है. ऐसे लोगों को उत्तर दिशा में बैठ कर भोजन करना चाहिए. इससे उन्हें विद्या एवं आध्यत्मिक शक्ति मिलती है. 


पश्चिम दिशा में 

पश्चिम दिशा में भी बैठ कर खाना खाने वाले लोगों को भी काफी लाभ होता है. वास्तु के हिसाब से जो लोग नौकरी या व्यापार करते है. ऐसे लोगों को इस दिशा में बैठकर भोजन करने से काम के क्षेत्र में तरक्की मिलती है. 


दक्षिण दिशा में ये लोग न करें भोजन 

वास्तु के हिसाब से दक्षिण दिशा में यम का वास होता है. लेकिन इसके बावजूद भी आप ने देखा होगा कि लोग आपको इस दिशा में खाना खाने से मना करते है क्योंकि वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस इंसान के माता-पिता जीवित होते है. उन्हें इस दिशा में मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए. इससे उनके माता-पिता के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. 


घर के पश्चिम हिस्से में हो डाइनिंग टेबल 

वास्तु के हिसाब से अगर आपके घर का डाइनिंग टेबल पश्चिम हिस्से में हो. तो इससे आपके घर में शांति और समृद्धि रहती है. साथ में  इस दिशा में बैठकर भोजन करने से घर में से कलह और क्लेश खत्म हो जाते है. इसके अलावा आपके जीवन में या रिश्तों में जो कड़वाहट खत्म हो जाती है.