आसमान के नीला और बादल के काला-सफेद दिखाई देने का राज क्या हैं? जानिए ये साइंस के बातें

Why does sky seems blue and clouds look like white and black?

बारिश का मौसम काफी खुशनुमा और आनंददायक होता हैं. इस मौसम में गर्मी से निजाद मिलती हैं. साथ ही मौसम भी बेहतरीन दिखाई देता हैं. कई सारे लोगों को बारिश का मौसम काफी पसंद होता हैं. देश में भी मानसून आ गया हैं. 

कई सारे राज्यों में जबरदस्त बारिश हो रही हैं. इस मौसम में आसमान नीला और इसके ऊपर दिखाई देने वाले काले-सफेद बदल हर किसी का मनमोह लेते हैं. लेकिन कभी आप ने सोचा हैं कि ये आसमान तो एकदम साफ नीला दिखाई देता हैं. मगर ये बादल काले या सफेद क्यों दिखाई देता हैं? आखिर इसके पीछे का क्या कारण हैं? आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि ऐसा क्यों होता हैं?

बादल के पीछे का ये हैं राज 

1. बादल वाष्प से बनता हैं. जिसके अंदर पानी की बूंदे होती हैं. ऐसे में जब सूर्य की किरणें इन पर पड़ती हैं. तो फिजिक्स के रेफेलेक्शन लॉ के अनुसार ये बूंदे प्रिज्म का काम करते हैं. जिससे टकराकर किरणे वापस चली जाती हैं. सिर्फ इसके सफेद रंग को अवशोषित कर लेती हैं. जिसके कारण ये बादल हमें सफेद दिखाई देते हैं. 

2. दूसरे शब्दों में कहें तो सूरज की किरणों में सात रंग छुपे होते हैं. लेकिन जब ये बादलों के बीच से निकलते हैं तो बादल में मौजूद पानी और छोटे-छोटे बर्फ के टुकड़ों से टकराकर ये वापस लौट जाते हैं क्योंकि इनकी वेवलेंथ पानी की बूंदों से कम होती हैं. जिसकी वजह से ये सफेद दिखाई देते हैं. 

काला दिखाई देने के पीछे इसी का उल्टा होता हैं. कई बार बादल सूरज के किरणों के सारे रंगों को सोख लेता हैं. ऐसे में वो काला रंग का दिखाई देता हैं क्योंकि हमारी आंखों तक सिर्फ काला रंग ही आता हैं. 

इसके साथ दो कारण और हैं. पहला कि अगर बादल काफी घने और बहुत ऊंचाई पर हैं तो सिर्फ काला रंग ही रिफ्लेक्ट होकर हमारी आँखों तक आता हैं. जिसकी वजह से ये काले  दिखाई देता हैं. दूसरा कारण ये हैं कि अगर बादल की परत बहुत ज्यादा मोटी हैं. जिससे सूर्य ढ़क जाये तो ऐसे में सूरज की किरणे धरती पर नहीं आ पाती हैं और बादल सिर्फ काला दिखाई देता हैं. 

आसमान नीला क्यों दिखता हैं? 

सूरज की रौशनी से ही धरती पर प्रकाश आता हैं. लेकिन सूरज की किरणों से ही हमको चीजें रंगीन दिखाई देती हैं. सूरज की किरणे भले ही श्वेत होती हैं. लेकिन जब वो किसी चीज पर पड़ती हैं तो वो वस्तु, पेड़-पौधा जो भी रंग अपने अंदर सोखता हैं. वहीं रंग हमें वापस दिखाई देता हैं. जिसके कारण ही पेड़ की पत्तियां हरी, चीजें रंग-बिंरगी दिखाई देती हैं. ये सब भौतिक विज्ञान के कारण होती हैं. अगर आप प्रिज्म से देखते हैं तो आपको सूरज के किरणों में लाल, नारंगी, नीला, पीला, हरा, जामुनी और बैगनी रंग दिखाई देते हैं. 

ऐसे में जब सूरज की किरणे धरती पर आती हैं तो इसका वायुमंडल और इसमें बिखरे कण प्रिज्म की तरह व्यवहार करते हैं. जिससे सारे रंग अलग-अलग बिखर जाते हैं. चूँकि नीला रंग जल्दी से बिखरता है इसलिए जब हम आसमान को देखते हैं तो वो हमें नीला दिखाई देता हैं.