बैठ कर खामोश अब हम तुम्हें आजमाएंगे।
देखते हैं अब हम तुम्हें कब याद आएंगे….
अपने इन् हाथों की लकीरों
को क्या देखता हो?
किस्मत तो उनकी भी होती है
जिनके हाथ नहीं होते…
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..
मैंने दबी आवाज़ में पूछा - "मुहब्बत करने लगी हो?"नज़रें झुका कर वो बोली - "बहुत"