हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था… हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे…!
ये किस तरह की ज़िद दिल मुझ से करने लगा, जिसे मैंने भूलना चाहा उसे वो याद करने लगा .
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना;मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना!