चेहरे पर तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा उसके,
बाद फिर तू ना कभी मुझसे दूर होगा जरा,
सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी जिस,
पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा !
मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे
वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती,मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती,कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता,मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती।
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार हैतुझी पर मिटूंगा ये इकरार हैतू इतना समझ ले मेरे हमसफ़रतेरे प्यार से मेरा संसार है