जीवन जीने का मन नहीं करता,
सांस लेने का मन नहीं करता,
तुमसे धोखा खाने के बाद,
कुछ खाने का मन नहीं करता !!
वो नहीं आते पर निशानी भेज देते हैख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देते हैकितने मीठे है उनकी यादो के मंज़रकभी कभी आँखों में पानी भेज देते है
मत पूछ कैसे गुज़र रहा है हर पल मेरा तेरे बिना,कभी बात करने की हसरत कभी मिलने की तमन्ना…
DHOKHA MILA JAB PYAAR ME,
ZINDAGI ME UDASI CHHA GAYI,
SOCHA THA AAG LAGA DEGE ISS DUNIYA KO,
KAMBAKT TABHI DUSRI PASAND AA GAYI......
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैंज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर मेंमगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं