"दिल का दर्द छुपाए बैठे है,
हम उनके सामने मुस्कुराये बैठे है।"
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
Kitna pyar karte hai hum unse,
Kaash unko bhi yeh ehsaas ho jaye,
Magar aisa na ho ke woh hosh mein tab aaye,
Jab hum gehri neend mein so jaye…
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....
मन ही मन करती haiबातें,
Dil ki हर एक बात कह जाती हूँ,
एक बार ले लो बाहों मै अब तो सजना,यहीं हर बात कहते कहते रुक जाती हूँ |