कश्ती है, पुरानी मगर दरिया बदल गया।
मेरी तलाश का भी जरिया बदल गया।
ना शक्ल बदली, ना ही बदला मेरा किरदार,
बस लोगों को देखने का नजरिया बदल गया।
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।