तुम मेरी बेचैनी हो या सुकून,
आज तक समझ नहीं पाया मैं।
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
मुझे तो न कोई आसमान चाहिये,मुझे तो न कोई जहाँ चाहिये,तू तो सितारों की एक महफ़िल है,बस उस पूरी महफ़िल में से बस एक तू चाहिए।
मुझे तेरे सपनों से प्यार इतना हैं,
की खुद को उनके लिए न्योछावर कर दूँ.
करूँ बस मैं आपसे मोहब्बत इतनी,
और अपना ये साल आपके नाम कर दूं.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.