ठन्ड में जिसकी शादी हो गयी वो बधाई के पात्र हैं....
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जिनकी नहीं हुई वो रजाई के पात्र....
😂😂😜
ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं
बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब, ये घड़ी भी सर्दियों में,
5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है
रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर…
उसके बाद किसी ने चाय
नही पिलायी
तो “असहिष्णुता माना” जाये…
खतरों के खिलाड़ी तो असल में वो लौंडे है
जो घर के बाहर घने कोहरे का फायदा उठाकर
रोज़ डे पर अपने दोस्त की GF से रोज़ ले लेते है