हमने खड़े-खड़े साहिल पर शाम कर दी,
अपनी दुनिया आप के ही नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ये ज़िंदगी,
बिना सोचे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
लगता है, मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी, यूँ ही तो नहीं.!
जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!