जिस दिन तेरे बिन रह लू |
उसदिन खुद को मिटा दूंगा |
मुझ से दूर जाने की बातें मत कर |
दुनिया में आग लगा दूंगा |
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़,जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
तेरी साँसों में बिखर जाऊं तो अच्छा है,
बन के रूह तेरे जिस्म मे उतार जाऊं तो अच्छा है,
किसी रात तेरी गोद में सर रख कर सो जाऊं,
उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।