⇒⇒ कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,
तुम न होते न सही… ज़िक्र तुम्हारा होता!!
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!!!
Magar
rani sirf badsah ki hi hoti haii..
मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था ।
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!!