ङरे क्यूं मेरा कातिलक्या रहेगा उसकी गर्दन पर वो खून,जो चश्म-ए-तर से उर्म भर यूॅ दम-ब-दम निकले
ङरे क्यूं मेरा कातिल
क्या रहेगा उसकी गर्दन पर वो खून,
जो चश्म-ए-तर से उर्म भर यूॅ दम-ब-दम निकले
सोच को बदलो, सितारे बदल जायेंगे
नजर को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं.
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे
स्टाइल तो सिर्फ शौक के
लिए है, वरना लोगो के
लिए मेरी नशीली आँखों
के इशारे ही काफी है!!
Hum Bhi Maujood The Takdeer Ke Darwaje Pe,
Log Daulat Par Gire Aur Humne Tujhe Maang Liya.
Deewana hun tera, mujhe inkaar nahi,
Kaise keh dun ki mujhe tumse pyar nahi,
Kuch shararat to teri nazro mein bhi thi,
Main akela hi to iska gunehgar nahi…!!