तेरे ख्यालों में चलते चलते कहीं फिसल न जाऊं मैं,
अपनी यादों को रोक ले के शहर में बारिश का मौसम है।
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाए उतना आप हमें चाहते हैऔर जितना ना समेट पाए उतना हम आप को चाहते है...
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..
Aaj Halki Halki Baarish Hay,Aaj Sard Hawa Ka Raqs Bhi Hay,Aaj Phool Bhi Nikhray Nikhray Hain,Aaj Un Main Tumhara Aks Bhi Hay
Aaj Ki Is Barish Me
Sath Tum Nhi Ho To,
Aankh Nam Si Kitni Hai,
Saans Tang Si Kitni Hai,
Rooh Pyasi Kitni Hai
Yeh Udaasi Kitni Hai,
Aaj Ki Is Barish Me.