शौक लग गया है बस उसके नाम का,
अब नहीं ये जहां मेरे किसी काम का।
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
मैं फ़रमाईश हूँ उसकी, वो इबादत है मेरी, इतनी आसानी से कैसे निकाल दू उसे अपने दिल से, मैं ख्वाब हूँ उसका, वो हकीकत है मेरी…
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
सज़ा ना दे मुझको बेकसूर हूँ मैं थाम ले
मुझको गमों से चूर हूँ मैं
तेरी दूरी ने कर दिया पागल सा मुझे
और लोग कहते हैं दीवाना हूँ मैं !!