माँ तेरी याद सताती है, मेरे पास आ जाओ
थक गया हूँ, मुझे अपने आँचल मैं सुलाओ
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालों मैं मेरे
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ.
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…एक नया दर्द ही…पुराने दर्द की दवाई है…!!
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर हू ,
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हू .
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो आप …??
और वो मुस्करा कर खुदको हमारी जान बताती.
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।