कुछ लोग हमारी क़दर इसलिए नहीं करते
क्यूंकि हम उन्हें एहसास दिला चुके होते है
की हम उनके बिना रह नहीं सकते,
हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए,
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए,
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना,
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए..
वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों,
अब तो हर सांस जिंदा रहने कि वजह पूछती है।
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी…इश्क़-ऐ-बवाल से.
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं।