बड़े महंगे किरदार हैं,
जिन्दगी में जनाब,
वक़्त वक़्त पर सबके
भाव बढ़ जाते हैं
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
जीवन में किसी को रूलाकरहवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहींऔरअगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दियातो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!
परिश्रम की मिशाल हैं, जिस पर कर्जो के निशान हैं,
घर चलाने में खुद को मिटा दिया, और कोई नही वह किसान हैं
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.