शादी करनी थी पर किस्मत खुलती नहीं,
ताज बनाना था पर मुमताज़ मिलती नहीं,
एक दिन किस्मत खुली और शादी हो गयी,
अब ताज बनाना है पर मुमताज़ मरती नहीं।
मैं चंद्रमुखीतू सूरजमुखीमैं तुझसे दुखीतू मुझसे दुखीएक काम कर दे बिल्डिंग से कूदकर मरजा तू भी सुखी मैं भी सुखी |
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
ऐसी अपनी वाईफ हो,
जींस जिसकी टाईट हो,
चेहरा जिसका व्हाईट हो,
बालों में स्टाईल हो,
होंठों पर स्माइल हो,
इंडिया कि पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
तो क्या हसीन लाईफ हो।
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!