“दोस्ती में ही “ताकत” है साहेब..
“समर्थ” को झुकाने की…
बाकी “सुदामा” में कहाँ ताकत थी..
“श्रीकृष्ण” से पैर धुलवाने की।”
जिस के पास कुछ भी नही है , उस पर दुनिया हसती है .. जिस के पास सबकुछ है , उसपर दुनिया जलती है .. मेरे पास आप जैसे अनमोल दोस्त है , जिनके लिए दुनिया तरसती है ....
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
पलकों से रास्ते के काटे हटा देंगे,
फूलों को क्या हम अपना दिल बिछा देंगे।
टूटने ना देंगे अपनी दोस्ती को कभी,
बदले में हम खुद को मिटा लेंगे।।
“कोई ऐसा दोस्त बनाया जावेजिसके आंसू को पलकों में छुपाया जायेरहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसाकि अगर वो उदास हो तो हमसे भी ना मुस्कुराया जावें ”