तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
Khyalon mein wahi, sapno mein wahi, Lekin unki yaadon mein hum the hi nahi, Hum jaagte rahe duniya soti rahi, Ek baarish hi thi, jo humare sath roti rahi.
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं,
हमने क्या आसूं पिए की मौसम रो पड़े!
Aaj Halki Halki Baarish Hay,Aaj Sard Hawa Ka Raqs Bhi Hay,Aaj Phool Bhi Nikhray Nikhray Hain,Aaj Un Main Tumhara Aks Bhi Hay
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!