मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी हैं साँसों में छुपी ये साँस तेरी हैं दो पल भी नही रह सकते तेरे बिन धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी हैं
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
पूछते हैं मुझसे की शायरी लिखते हो क्यों,
लगता है जैसे आईना देखा नहीं कभी।