“वो तो अच्छा हुआ मुझे फर्क पड़ना बंद हो गया,वरना बेचारा बद्दुआओं का सबक लेते लेते थक जाता…”
“वो तो अच्छा हुआ मुझे फर्क पड़ना बंद हो गया,
वरना बेचारा बद्दुआओं का सबक लेते लेते थक जाता…”
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.
जीवन में किसी को रूलाकरहवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहींऔरअगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दियातो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!