Jab Tumse Baat Nai Hoti,
To Pal Pal Marte Hian Hum,
Tumhari Kasam Tumse,
Bahut Pyar Karte Hain Hum.
रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती हैरात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहींकांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता हैख़ाली-ख़ाली कोई बजरा सा बहा जाता है चाँद की किरणों में वो रोज़ सा रेशम भी नहीं चाँद की चिकनी डली है कि घुली जाती हैऔर सन्नाटों की इक धूल सी उड़ी जाती है काश इक बार कभी नींद से उठकर तुम भी हिज्र की रातों में ये देखो तो क्या होता है
Mai To Chirag Hu Tere Aashiyane Ka
Kabhi Na Kabhi To Bujh Jaunga
Aaj Shikayat Hai Tujhe Mere Ujaale Se
Kal Andhere Mein Bahot Yaad Aaunga…
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
अब तू नहीं है दुनिया में,
हु अकेला वही खड़ा,
तू मुमताज़ तो बन गयी
मै रह गया निचे पड़ा!
गुलाब को भी कमल बना देते,
उसकी एक अदा पे कई ग़ज़ल बना देते…
कम्भख्त मरती नहीं मुझ पर लडकियां,
वरना लखनऊ में भी ताजमहल बना देते…