जन्नत कैसी होती हैं यह तो पता नहीं, पर इश्क़ मुकम्मल हो जाए तो जिंदगी भी उससे कम नहीं.
पर इश्क़ मुकम्मल हो जाए तो जिंदगी भी उससे कम नहीं.
बहुत खूबसूरत वो रातें होती है,जब तुमसे दिल की बात होती है ||वैसे कुछ खास लफ्ज़ नहीं होते मेरे पास,पर जब उनकी याद आती है तोह,मेरे लिखे लफ्ज़ो में भी मिठास आ जाती है.
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …
तू बन जा मेरी कि इस कदर चाहूंगा तुझे
कि लोग दुआ करेंगे तुझसा नसीब पाने के लिए
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है