बिन बात के ही रूठने की आदत हैकिसी अपने का साथ पाने की चाहत हैआप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँमुझे तो टूटने की आदत है।
बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
कद बढ़ा नहीं करते, ऐड़ियां उठाने सेऊंचाईया तो मिलती हैं, सर झुकाने से।
ये ज़िन्दगी तेरी यादो से,
अब नासूर सी चुभती है,
किसे पता था मेरी दोस्त,
ये यादे ताज महल से बड़ी लगती है!