दिल को छू जाती है यूँ रात की आवाज़ कभी
चौंक उठते हैं कहीं तूने पुकारा ही न हो
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
“Alfaaz To Bahut Hain
Mohabbat Bayan Karne Ke Liye..
Par Jo Khamoshi Nahi Samjh
Sakte, Wo Alfaaz Kya Samjhenge..!!
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है