अंतर यामी सब का स्वामी भक्तों का रखवाला,
3 लोक में बाँठ रहा है वो दिन रात उजाला
आयो महिमा गए भोलेनाथ की, भक्ति में खो जाए भोलेनाथ की ।
जय शिवरात्रि
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
ज्ञानी इंसान कभी घमण्ड नहीं करता
और जिसे घमंड होता है ज्ञान उससे कोसों दूर रहता है
भोले की महिमा है अपरम्पार
करते हैं अपने भक्तों का उद्धार
शिव की दया आप पर बनी रहे
और आपके जीवन में खुशियां भरी रहें
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!